मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन एवं कौशल्या योजना (Mukhyamantri Kaushal Samvardhan Yojana & Kaushalya Yojana) : तकनीकी शिक्षा एवं कौशल विकास विभाग की परियोजना परीक्षण समिति की बैठक में मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा विद्यार्थी पंचायत में कौशल संवर्धन की घोषणा के संदर्भ में दो योजना मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना एवं कौशल्या योजना का अनुमोदन किया गया। बैठक में मुख्य सचिव श्री सिंह ने कहा कि प्रशिक्षण कार्यक्रमों में गुणवत्ता पर विशेष ध्यान दिया जाना चाहिए। साथ ही निजी कंपनियों से समन्वय स्थापित किया जाये ताकि प्रशिक्षण के बाद प्रशिक्षणार्थियों को रोजगार उपलब्ध हो सके।
मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना (Mukhyamantri Kaushal Samvardhan Yojana):
- मुख्यमंत्री कौशल संवर्द्धन योजना से सेवा क्षेत्र में अल्पाअवधि के ऐसे प्रशिक्षित जन-संसाधन की मांग पूरी हो सकेगी जिसकी पूर्ति परंपरागत ITI पाठ्यक्रम से करना संभव नहीं है।
- औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थानों में अल्पावधि के प्रशिक्षण कार्यक्रम के संचालन से गुणवत्ता सुधार एवं क्षमता वृद्धि संभव है। राष्ट्रीय मानकों के अनुसार अल्प अवधि के कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों के संचालन से रोजगार क्षमता में वृद्धि हो सकेगी।
- प्रत्येक पाठ्यक्रम के लिए निर्धारित शैक्षणिक योग्यता के आधार पर मेरिट अनुसार ऑन लाइन प्रणाली से प्रवेश दिया जायेगा। प्रशिक्षण की अवधि 15 दिवस से लेकर 9 माह तक होगी।
- इसके मापदंडों का निर्धारण नेशनल स्किल क्वालिफिकेशन फ्रेम वर्क अनुसार होगा। प्रशिक्षणर्थियों के नियोजन की व्यवस्था इस प्रकार की जायेगी, जिसमें कम से कम 70 प्रतिशत को वैतनिक अथवा स्व-रोजगार उपलब्ध हो सके।
- मुख्यमंत्री कौशल संवर्धन योजना में 2 लाख 50 हजार युवा को स्व-रोजगार के लिए प्रशिक्षण दिया जायेगा।
कौशल्या योजना (Kaushalya Yojana, MP)
- कौशल प्रशिक्षण कार्यक्रमों की आवश्यकता को ध्यान में रखकर कौशल्या योजना महिलाओं के लिये विशेष रूप से चलायी जायेगी।
- योजना में 2 लाख महिलाओं को प्रशिक्षित किया जायेगा। इनमें से 25 हजार महिलाओं के लिए आवासीय प्रशिक्षण की व्यवस्था की जायेगी।
- महिलाओं के लिए उनकी रुचि के विशेष प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जाने का योजना में प्रावधान किया जायेगा। इसके लिए विभिन्न प्रकार के 20 क्षेत्र में प्रशिक्षण कार्यक्रम चलाये जायेंगे।
- रोजगार अथवा स्व-रोजगार प्राप्त करने के लिए महिलाओं को आवश्यक कौशल प्रदाय करना संभव हो सकेगा। इसमें वे महिलाएँ भागीदारी कर सकेंगी, जिन्होंने औपचारिक शिक्षा प्रणाली को छोड़ दिया है अथवा जो अपने कौशल को विकसित कर स्व-रोजगार अथवा रोजगार चाहती हैं।
- बाल-विवाह एवं हिंसा से पीड़ित महिलाएँ भी इस प्रशिक्षण को प्राप्त कर सकेंगी। इसमें रिटेल, सुरक्षा, टेलीकॉम, पर्यटन, बैंकिंग, हेल्थ केयर, खाद्य प्र-संस्करण, इलेक्ट्रानिक एवं हार्डवेयर, घरेलू कार्य, ब्यूटी एवं वेलनेस इत्यादि शामिल हैं।
- मध्यप्रदेश स्किल डेवलपमेंट मिशन द्वारा मॉनीटरिंग की जायेगी कि प्रशिक्षणार्थी लाभदायक रोजगार से जुड़े हैं अथवा अपना काम लाभदायक ढंग से कर रहे हैं।