मध्यप्रदेश सरकार प्रदेश में बच्चों, बालिकाओं और महिलाओं की एनीमिया से मुक्ति के लिए 1 नवम्बर 2016 से लालिमा अभियान शुरू करने जा रही है जिसके अंतर्गत आयरन फॉलिक एसिड की गोलियां आँगनवाड़ियों, शैक्षणिक संस्थाओं और चिकित्सालयों में नि:शुल्क उपलब्ध करवाई जाएंगी । इस विषय में मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने केंद्रीय स्वास्थ्य मंत्री जगत प्रसाद नड्डा को पत्र लिखकर फेरस सल्फेट के स्थान पर फेरस एस्कार्बेट की गोलियों का वितरण शासन द्वारा करवाने का आग्रह किया है।
एनीमिया, रक्त अल्पता, अर्थात शरीर में खून की कमी महिलाओं, किशोरी बालियाओं और बच्चों के लिए एक आम स्वास्थ्य समस्या है । यदि गर्भवती महिला एनीमिया की शिकार है तो जन्म लेने वाला शिशु भी अपेक्षाकृत कम वजन का और कमजोर ही होगा । यह एनीमिया ही बच्चों में कुपोषण का मूल है । नेशनल फेमिली हेल्थ सर्वे 4 के आंकड़ों के अनुसार मध्यप्रदेश में 15 से 49 आयु वर्ग में 52.5 प्रतिशत किशोरी और महिलाएं तथा 25.5 प्रतिशत पुरूष एनीमिया से पीड़ित हैं । अत: अभियान के दौरान ऑयरन फॉलिक एसिड़ की गोलियों की सतत उपलब्धता बनाये रखने के साथ..साथ उनके सेवन के सही तरीके जैसे उन्हें खट्टे पदाथरे के साथ लेने का भी प्रचार..प्रसार किया जायेगा ।
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ReplyDeleteAcha
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