मध्यप्रदेश पर्यटन नीति 2016 (MP Tourism Policy 2016): मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की अध्यक्षता में प्रदेश की पर्यटन केबिनेट की पहली बैठक 16 सितम्बर को मंत्रालय में सम्पन्न हुई। केबिनेट में पर्यटन नीति 2016 का अनुमोदन किया गया। यह लागू होने की तिथि से 5 वर्ष के लिए प्रभावशील रहेगी। केबिनेट में प्रदेश में पर्यटन क्षेत्र की उपलब्धियों और वन्य-प्राणी पर्यटन में भविष्य की संभावनाओं पर भी चर्चा की गई। पर्यटन केबिनेट में राजस्व मंत्री श्री उमाशंकर गुप्ता, लोक निर्माण मंत्री श्री रामपाल सिंह, लोक स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण मंत्री श्री रूस्तम सिंह, सामान्य प्रशासन राज्य मंत्री श्री लाल सिंह आर्य, पर्यटन एवं संस्कृति राज्य मंत्री श्री सुरेन्द्र पटवा, आयुष, नवीन एवं नवकरणीय ऊर्जा राज्य मंत्री श्री हर्ष सिंह और मुख्य सचिव श्री अंटोनी डिसा सहित विभिन्न विभाग के अपर मुख्य सचिव, प्रमुख सचिव एवं सचिव उपस्थित थे।
मुख्यमंत्री श्री चौहान ने कहा कि पर्यटन में प्रदेश को अग्रणी बनाने, संतुलित, समेकित पर्यटन द्वारा सामाजिक, आर्थिक विकास में सभी विभागों के समन्वित प्रयासों के लिए पर्यटन केबिनेट का गठन किया गया है। इससे अंतर्देशीय और विदेशी पर्यटकों की संख्या बढ़ाने के प्रयासों पर फोकस रहेगा। उन्होंने कहा कि पर्यटन की बुनियादी सुविधाओं को बढ़ाने के लिए राज्य के बजट के साथ ही केन्द्र सरकार की योजनाओं, निजी निवेशकों के साथ पी.पी.टी. मोड में कार्य करने की संभावनाओं को भी तलाशा जायें। उन्होंने कहा कि भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के स्मारकों में राज्य पर्यटन निगम द्वारा निर्मित की जा रही जन-सुविधाओं की संरचनाओं का स्वरूप स्मारक की स्थापत्य अनुरूप हो। उन्होंने दिसम्बर माह में आयोजित किए जा रहे जल महोत्सव की अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मार्केटिंग की जरूरत बताई। साथ ही प्रमुख पर्यटक गंतव्यों के आस-पास पर्यटक आकर्षण के अन्य केन्द्र भी विकसित करने के लिए कहा। उन्होंने बताया कि पचमढ़ी में प्राकृतिक सौंदर्य का समृद्ध खजाना है। आवश्यकता उसे देखने-पहचानने के नजरिये के प्रचार-प्रसार की है। उन्होंने टूरिस्ट सर्किट को जोड़ने के लिए परिवहन विभाग के साथ समन्वय कर लग्जरी बसों के संचालन के प्रयास करने को कहा।
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