ग्वालियर में बनेगा दिव्यांगों के लिये नेशनल स्पोर्टस सेंटर, दिव्यांगों के सर्वांगीण विकास के लिये आधुनिकतम उपकरण बनाये जायेंगे। इससे वे सामान्य व्यक्तियों की तरह अपना कार्य कर सकेंगे। सामाजिक न्याय एवं अधिकारिता केन्द्रीय मंत्री श्री थावरचंद गेहलोत ने यह बात राष्ट्रीय न्यास योजनाओं की कार्यशाला में कही। उन्होंने कहा कि दिव्यांगजनों के लिये कृत्रिम अंग बनाने के लिये जर्मन और ब्रिटेन की कम्पनियों से भारत सरकार द्वारा एमओयू किया गया है। दोनों देश के बीच तकनीक का आदान-प्रदान किया जायेगा। उपकरण एक से डेढ़ साल में बनकर तैयार हो जायेंगे। श्री गेहलोत ने कहा कि ग्वालियर में दिव्यांगों के लिये नेशनल स्पोर्ट सेंटर बनाया जायेगा।
केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत ने कहा कि दिव्यांगों के जिला-स्तरीय पहचान-पत्र के स्थान पर अब राष्ट्रीय-स्तर पर पहचान-पत्र जारी किये जायेंगे। यह राष्ट्रीय पहचान-पत्र बहु-उद्देशीय होने से दिव्यांग किसी भी राज्य में इनके जरिये लाभ प्राप्त किया जा सकेगा। उन्होंने कहा कि दिव्यांगों के लिये भारत सरकार ने प्री-मेट्रिक, पोस्ट-मेट्रिक, विशेष कोर्सेस और विदेशों में शिक्षा प्राप्त करने के लिये स्कॉलरशिप दिये जाने का प्रावधान किया है। पाँच साल से कम आयु के बोलने और सुनने में अक्षम बच्चे को केन्द्र सरकार द्वारा 6 लाख रुपये की चिकित्सा सुविधा उपलब्ध करवाने का प्रावधान किया गया है। योजना में 355 अक्षम मूक-बधिर बच्चों की चिकित्सा करवायी गयी। इनमें से 300 मूक और बधिर बच्चे बोलने और सुनने लगे हैं। केन्द्रीय मंत्री श्री गेहलोत ने कार्यशाला में उपस्थित संस्थाओं के प्रतिनिधियों से कहा कि वह इस विषय पर चर्चा कर अपने सुझाव दे सकते हैं। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि तीन करोड़ दिव्यांग के सर्वांगीण विकास के लिये भारत सरकार द्वारा निरामय, घरौंदा, विकास, दिशा, समर्थ, सहयोगी, संभव, ज्ञानप्रभा, प्रेरणा और बढ़ते कदम योजना का क्रियान्वयन देशभर में किया जा रहा है। इसके लिये पूरे देश में विशेष अभियान राज्य सरकारों के सामाजिक न्याय विभाग के जरिये चलाया जा रहा है।
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