मुख्यमंत्री मजदूर सुरक्षा योजना: इसका उद्देश्य खेतिहर मजदूरों तथा उनके परिवारों का जीवन स्तर सुधारने के साथ ही उन्हें जरूरत अथवा मुसीबत के वक्त सुरक्षा प्रदान करना है। योजना के तहत राज्य के 18 से 60 वर्ष आयु के खेतिहर मजदूरों के परिवार की स्त्री को प्रसूति व्यय और छः सप्ताह की मजदूरी का भुगतान , पति को पितृत्व अवकाश के साथ दो सप्ताह की मजदूरी का भुगतान , बच्चों को पहली कक्षा से स्नातकोत्तर की पढ़ाई के लिये छात्रवृत्ति , पांचवीं कक्षा तथा उसके आगे तक प्रथम श्रेणी में पास करने वाले विद्यार्थियों को नगद पुरस्कार। विवाह सहायता योजना के तहत कन्याओं को मदद तथा आम आदमी बीमा योजना के अंतर्गत लाभ दिये जाते हैं।
योजना का लाभ लेने के लिये आवेदक को निर्धारित प्रारूप में ग्राम पंचायत के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना होता है। इसके बाद उसे फोटोयुक्त परिचय पत्र दिया जाता है। जिसके आधार पर वह उपरोक्त सभी लाभ प्राप्त करता है। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के साथ हमेशा यह विडंबना रही है कि कोई भी संगठन या परेशानी आ जाने पर उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्राप्त नहीं होती। बीमार पड़ने अथवा घर में बच्चा होने जैसे अवसरों पर उन्हें बहुत अधिक आर्थिक कष्ट झेलना पड़ता है क्योंकि वे काम पर नहीं जा पाते। साथ ही वह अपने बच्चों को भी पैसे के अभाव में ठीक से पढ़ा भी नहीं पाते। इस योजना के क्रियान्वयन में इन मजदूरों को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा मिली।
योजना का लाभ लेने के लिये आवेदक को निर्धारित प्रारूप में ग्राम पंचायत के समक्ष आवेदन प्रस्तुत करना होता है। इसके बाद उसे फोटोयुक्त परिचय पत्र दिया जाता है। जिसके आधार पर वह उपरोक्त सभी लाभ प्राप्त करता है। असंगठित क्षेत्र में काम करने वाले मजदूरों के साथ हमेशा यह विडंबना रही है कि कोई भी संगठन या परेशानी आ जाने पर उन्हें सामाजिक सुरक्षा प्राप्त नहीं होती। बीमार पड़ने अथवा घर में बच्चा होने जैसे अवसरों पर उन्हें बहुत अधिक आर्थिक कष्ट झेलना पड़ता है क्योंकि वे काम पर नहीं जा पाते। साथ ही वह अपने बच्चों को भी पैसे के अभाव में ठीक से पढ़ा भी नहीं पाते। इस योजना के क्रियान्वयन में इन मजदूरों को पर्याप्त सामाजिक सुरक्षा मिली।
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