मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर-कान्ट्रेक्टर योजना: प्रदेश के अधोसंरचना विकास कार्यों में योगदान के लिये प्रदेश के युवा अभियंताओं को कान्ट्रेक्टर के रूप में क्षमता विकसित करने के उद्देश्य से 'मुख्यमंत्री युवा इंजीनियर-कांट्रेक्टर योजना'' तैयार की गई है। मुख्यमंत्री श्री शिवराज सिंह चौहान की 16 जनवरी, 2013 को युवा पंचायत में की गई घोषणा के अनुपालन में 14 अगस्त 2013 को मंत्रि-परिषद् ने योजना को मंजूरी दी।
योजना के क्रियान्वयन के लिये लोक निर्माण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। योजना में किसी भी संकाय के इंजीनियरिंग में डिग्रीधारी 500 युवा अभियंता को 6 माह का प्रशिक्षण (इन्टर्नशिप) दिया जायेगा। प्रारंभिक वर्ष में प्रायोगिक तौर पर 500 युवा अभियंता को प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। आगामी वर्षों में लक्ष्य और उपलब्धि का पुनरावलोकन कर लक्ष्य प्रतिवर्ष निर्धारित किया जायेगा। प्रशिक्षण की छह माह की अवधि को तीन भाग में विभाजित किया गया है। इसमें दो माह एकेडेमिक ट्रेनिंग दी जायेगी। कार्यालयीन ज्ञान तथा विभाग के संबंध में जानकारी के लिये एक माह और मैदानी प्रशिक्षण तीन माह का होगा। प्रशिक्षु को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है। आवेदक डिग्री करने के 3 वर्ष के अंदर ही आवेदन कर सकता है। आवेदकों की संख्या अधिक होने पर प्रशिक्षु का चयन लॉटरी द्वारा किया जा सकेगा। प्रशिक्षुओं के चयन में राज्य सरकार द्वारा जारी सेवा भर्ती नियमों में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला वर्ग के लिये निर्धारित आरक्षण कोटे का पालन किया जायेगा।
प्रशिक्षण अवधि में स्नातक अभियंता को 5000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा। मैदानी प्रशिक्षण के समय मैदानी भत्ते के रूप में 2000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त दिया जायेगा। योजना में प्रशिक्षित युवा इंजीनियर कांट्रेक्टर को निविदा शर्तों में प्रावधान अनुसार उप ठेके (सब लेट्टिंग) के माध्यम से प्रतिष्ठित ठेकेदारों से भी जोड़ा जायेगा। प्राप्त अनुभव से युवा आगामी ठेके ले सकेंगे। प्रशिक्षण के बाद युवा इंजीनियरों को राज्य शासन की केन्द्रीयकृत पंजीयन प्रणाली के अंतर्गत 'सी' श्रेणी में पंजीकृत किया जा सकेगा, लेकिन मध्यप्रदेश अनुज्ञापन मण्डल (विद्युत) विनियमन 1960 की पूर्ति के लिये विद्युत वितरण, ट्रांसमिशन और उत्पादन से संबंधित कार्यों के लिये ठेकेदारों को 'ए' और 'बी' श्रेणी के विद्युत लायसेंस धारक होने की आवश्यकता यथावत बनी रहेगी। योजना में प्रशिक्षित इंजीनियर मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में 25 लाख रुपये तक ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
योजना के क्रियान्वयन के लिये लोक निर्माण विभाग को नोडल विभाग बनाया गया है। योजना में किसी भी संकाय के इंजीनियरिंग में डिग्रीधारी 500 युवा अभियंता को 6 माह का प्रशिक्षण (इन्टर्नशिप) दिया जायेगा। प्रारंभिक वर्ष में प्रायोगिक तौर पर 500 युवा अभियंता को प्रशिक्षण का लक्ष्य रखा गया है। आगामी वर्षों में लक्ष्य और उपलब्धि का पुनरावलोकन कर लक्ष्य प्रतिवर्ष निर्धारित किया जायेगा। प्रशिक्षण की छह माह की अवधि को तीन भाग में विभाजित किया गया है। इसमें दो माह एकेडेमिक ट्रेनिंग दी जायेगी। कार्यालयीन ज्ञान तथा विभाग के संबंध में जानकारी के लिये एक माह और मैदानी प्रशिक्षण तीन माह का होगा। प्रशिक्षु को मध्यप्रदेश का मूल निवासी होना आवश्यक है। आवेदक डिग्री करने के 3 वर्ष के अंदर ही आवेदन कर सकता है। आवेदकों की संख्या अधिक होने पर प्रशिक्षु का चयन लॉटरी द्वारा किया जा सकेगा। प्रशिक्षुओं के चयन में राज्य सरकार द्वारा जारी सेवा भर्ती नियमों में अनुसूचित जाति, जनजाति और महिला वर्ग के लिये निर्धारित आरक्षण कोटे का पालन किया जायेगा।
प्रशिक्षण अवधि में स्नातक अभियंता को 5000 रुपये प्रतिमाह मानदेय दिया जायेगा। मैदानी प्रशिक्षण के समय मैदानी भत्ते के रूप में 2000 रुपये प्रतिमाह अतिरिक्त दिया जायेगा। योजना में प्रशिक्षित युवा इंजीनियर कांट्रेक्टर को निविदा शर्तों में प्रावधान अनुसार उप ठेके (सब लेट्टिंग) के माध्यम से प्रतिष्ठित ठेकेदारों से भी जोड़ा जायेगा। प्राप्त अनुभव से युवा आगामी ठेके ले सकेंगे। प्रशिक्षण के बाद युवा इंजीनियरों को राज्य शासन की केन्द्रीयकृत पंजीयन प्रणाली के अंतर्गत 'सी' श्रेणी में पंजीकृत किया जा सकेगा, लेकिन मध्यप्रदेश अनुज्ञापन मण्डल (विद्युत) विनियमन 1960 की पूर्ति के लिये विद्युत वितरण, ट्रांसमिशन और उत्पादन से संबंधित कार्यों के लिये ठेकेदारों को 'ए' और 'बी' श्रेणी के विद्युत लायसेंस धारक होने की आवश्यकता यथावत बनी रहेगी। योजना में प्रशिक्षित इंजीनियर मुख्यमंत्री युवा स्व-रोजगार योजना में 25 लाख रुपये तक ऋण प्राप्त कर सकेंगे।
0 comments:
Post a Comment